उत्तर प्रदेश में अब सड़कों पर न तो नमाज पढ़ी जाएगी और न ही आरती की जा सकेगी. उत्तर प्रदेश पुलिस मेरठ और अलीगढ़ में सफल प्रयोग के बाद अब इस मॉडल को पूरे राज्य में लागू करेगी.
उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि वह चाहते हैं कि सौहार्दपूर्ण तरीके से सड़क पर होने वाली नमाज और आरती दोनों को रोका जाए, ताकि आम लोगों को कोई असुविधा न हो. उन्होंने कहा कि सड़क पर नमाज नहीं होगी, इसकी शुरुआत हमने मेरठ से की और बाद में इसका प्रयोग अलीगढ़ में भी किया गया. यह प्रयोग सफल रहा.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जब लोगों को जोड़कर कोई फैसला लिया जाता है तो उसका असर होता है. यही हुआ है. उन्होंने बकरीद और कांवड़ यात्रा के सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न होने का जिक्र करते हुए कहा कि हमने दोनों पक्षों को बुलाकर बात की और एक रास्ता निकाला. मुसलमानों ने कांवड़ियों के लिए आधा रास्ता छोड़ दिया तो कांवड़ियों ने भी डीजे का साउंड कम रखा.
डीजीपी ने कहा कि जब यह प्रयोग भी सफल रहा तो हमें लगा कि हम इसको पूरे प्रदेश में लागू कर सकते हैं. हो सकता है कि कुछ त्योहारों के दौरान यह पूरे तरीके से लागू न हो पाए, लेकिन आम दिनों में हम इसे लागू करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि जो भीड़ है, चाहे नमाज की हो या आरती की, वह दायरे से बाहर न जाए. ट्रैफिक में कोई रुकावट पैदा न हो. इसी के मद्देनजर हमने यह फैसला लिया है.