वह दीर्घायु हों - दीपक ज्योति त्रिपाठी 


वाराणसी।धारा 370 और 35a को कश्मीर से हटाने का ऐतिहासिक निर्णय हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते ही यह निर्णय हुआ है।  इस निर्णय का जहां पर देशभक्त नागरिकों व देशभक्त नेताओं ने स्वागत किया वहीं पर विपक्ष के कुछ नेताओं ने और अलगाववादी नेताओं ने इसका चरम विरोध किया लेकिन उस विरोध का कोई राजनीतिक लाभ या अर्थ  इस देश की जनता को नहीं समझ में आया जिसके कारण उन्हीं तथाकथित पार्टियों के कुछ नेताओं ने मोदी जी की तारीफ और धारा 370 और 35a के समर्थन में अपने विचार दिए यहां पर मित्रों एक बात यह कहने वाली है।  यह हमारे समझ में नहीं आता है कि देश विरोधी बातों को करने पर या कृत्य करने पर आम नागरिकों पर देशद्रोह लागू हो जाता है लेकिन जो हमारे माननीय सांसद से लेकर विभिन्न जगहों पर और विपक्षी दल अगर देश हित की बातें नहीं करता है तो उनके लिए क्या किया जाए यह एक यक्ष प्रश्न है क्योंकि यहां हम सभी यह देखते हैं कि जो देश हित में निर्णय लिया जा रहा है।  उसको भली-भांति इस देश की जनता भी समझती हैं बुद्धिजीवी समझते हैं और सभी लोग समझते हैं ऐसा नहीं है कि कोई नहीं समझता है हर पहलू की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया के द्वारा विश्लेषक कर आम जनता को दिया जाता है।  जिससे सभी को वास्तविकता का पता चलता रहता है लेकिन देश के निर्णय में और उसका प्रबल विरोध अगर कोई करता है तो निश्चित ही वह देशद्रोह का जुर्म करता है कम से कम धारा 370 35a जैसे मसलों पर तो विपक्ष को कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए।  क्योंकि यह देश में कैंसर के समान था और इस को हटाने के लिए कभी भी पूर्वर्ती सरकार या कोई राजनीतिक दल ने पहल नहीं किया यहां जितनी आसानी से बिना किसी खून खराबे के धारा 370 35a को हटाया गया एक बहुत बड़ी राजनीतिक उपलब्धि है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने साबित कर दिया कि वाकई कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है और विश्व मंच पर भी सारे देशों ने इस बात को स्वीकारा और पाकिस्तान में जब इस संबंध में विश्व में हमारे विपक्षी नेताओं के बयान का हवाला दिया सच पूछिए तो नेताओं के बयान के चलते हमारे देश की कुछ किरकिरी जरूर लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते देश से लेकर विदेश तक पूरे विश्व में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान हर जगह मुंह पर खाया यहां तक की किस्तान के अंदर भी इमरान की जो छवि थी वह भी काफी खराब हुई और लोगों को अब पीओके बचाने की चिंता सताने लगी नरेंद्र मोदी और अमित शाह जी ने देशिक में राष्ट्रहित में यह एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया है।  इसके लिए यह दोनों बधाई के पात्र हैं जनसंघ के संस्थापक  श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आत्मा को जरूर शांति मिली होगी और हर भारतीय का सीना गर्व से फूल गया नहीं तो उसी कश्मीर में जब हम लोग कभी जाते थे तो टैक्सी ड्राइवर बड़े फक्र से पूछता था क्या आप हिंदुस्तान से आए हो उसका यह प्रश्न हम लोगों के सीने में तीर की तरह चुभता था कि जिस कश्मीर को हम अपना अभिन्न अंग समझते हैं उस कश्मीर में हम लोगों से इस तरह का प्रश्न क्यों किया जाता है तथा अपने ही देश में हम द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में कश्मीर में दिखते थे या पीड़ा वहां आप लोग गए होंगे तो खुद ही महसूस किए हो उसके बाद इसी धारा 370 35a की आड़ में कश्मीर से लाखों कश्मीरी पंडितों को पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया गया।  उस वक्त किसी भी रूलिंग पार्टी के नेता ने कश्मीरी पंडितों का ना तो पक्ष रखा और ना ही कोई कड़ी कार्रवाई की जिसमें कश्मीरी पंडित असहाय होकर अपनी मातृभूमि छोड़कर दर-दर भटकने के लिए मजबूर है।  कश्मीर में चंद अलगाववादी राजनीतिक नेताओं के अलावा अन्य पार्टियों के नेताओं को सी धारा 370 35a का लाभ मिलता था इन नेताओं के पुत्र और पुत्री या उच्च शिक्षा के लिए देश और विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए आज भी है और पूर्व में भी जाते थे और अपने भविष्य की मुकम्मल व्यवस्था कर लेते थे। 


लेकिन आम कश्मीरियों के हाथ में पत्थर पकड़ा कर पत्थरबाजी के झुंड में छूट देते थे आज भी यह लोग इसी ताक में है कि कब मौका मिले और शांत कश्मीर में अशांति फैलाया जाए लेकिन मित्रों ऐसा संभव नहीं है।  सारी स्थिति परिस्थितियों से नरेंद्र मोदी जी और श्री अमित शाह जी यह सभी लोग काफी अच्छी तरह से वाकिफ है हम लोग जब पत्थरबाजों के हाथे अपने वीर जवानों को मरते देखते थे उनको पत्थर खाते देखते थे बड़ा दुख होता था जो जवान दिन रात एक कर के हम सभी के जीवन की रक्षा वह देश की रक्षा के लिए सीमा पर खड़े होकर अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं उन्हीं जवानों को हमारे ही देश के चंद नासमझ पत्थरों से मार रहे हैं।                      . 


अगर यह पाकिस्तान के लोग कर थे एक बार बात समझ में आती कि वह हमारे दुश्मन है वह ऐसा कर सकते हैं लेकिन जो कृत पत्थरबाज करते थे। वह आस्तीन के सांप वाला हाल था बड़ी विषम परिस्थितियों में देसी तुम्हें धारा 370 35a को हटाया जाना एक बहुत बड़ी बात है और मैं यह लेख आज इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि आज 17 सितंबर को हमारे उस महान प्रधानमंत्री का जन्म दिवस है तो मैं जन्मदिवस के बधाई के रूप में उनके द्वारा देश हित में लिए गए निर्णय को  अपने इस लेख में शामिल करते हुए उन्हें जन्मदिन की बधाई देता हूं। वह दीर्घायु हो बाबा विश्वनाथ उनको लंबी उम्र दे साथ ही साथ में उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करता हूं हर हर महादेव