बहराईच जैसे पिछड़े और तराई क्षेत्र में किसानों की व्यवसायिक खेती में गन्ना ही मूल फसल के रूप में बोई जाती है ।
गन्ना से चीनी बनाने वाली पेराई हेतु पूरे जिले में 4 शुगर फैक्ट्रियों सहकारी चीनी मिल नानपारा,आईपीएल चीनी मिल जरवलरोड, पारले चीनी मिल परसेण्डी, एंव सिंभावली चीनी मिल चिलवरिया है।
जिसमे गन्ना किसानों को सर्वाधिक दुःखी चिलवरिया चीनी मिल से होना पड़ता है हमेशा 70से 80 फीसदी गन्ना मूल्य बकाया पड़ा रहता है जिसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा मिल प्रबन्धक पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी दिया जा चुका है।जबकि जरवल में पेराई हमेशा बाधित रहने का दंश किसानों को झेलना पड़ता था पर इस बार जी एम ने बताया कि किसान हितों को ध्यान में रखकर नई मशीने एक करोड़ खर्च कर लगाई गई है जिससे इस पेराई सत्र में किसान खुशहाल रहेगा।
बहराइच में गन्ना किसानों को मिलेगी खुशहाली