किसान उगा रहे हैं एंटी शुगर ब्लैक राइस


भदोही।चावल खाने का हर कोई शौक़ीन होता है लेकिन मोटापा की वजह से लोग चावल का प्रयोग कम करते है लेकिन अब आपको जानकर हैरानी होगी की कुछ किसान ऐसे चावल की पैदावार कर रहे है जिनमे औषधियों गुणों का भंडार है हम बात कर रहे है एंटी शुगर ब्लैक राइस की इस चावल को खाने से कई तरह की बीमारियों में लाभ तो मिलता ही है साथ ही भदोही जिले के किसान इस चावल की खेती से अपनी आय को कई गुणा बढ़ाने में लगे हुए है l 
एंटी शुगर बलैक राइस के विषय में कहा जाता है की यह एक समय चीन में ही पाया जाता था जब वहां राजशाही थी तो इस चावल का प्रयोग सिर्फ राज परिवार ही कर सकता था ऐसे में अन्य किसानो के यहाँ इसकी खेती बंद हो गई और इस अनोखी धान की प्रजाति को वैश्विक स्तर पर बड़ी पहचान नहीं मिल सकी l मणिपुर के जंगली इलाको में आज भी लोग बहुत ही कम पैमाने पर इस धान की पैदावार करते है l करीब 3 वर्ष पहले इस धान के विषय में भदोही के उप कृषि निर्देशक को पता लगा तो उन्होंने 5 किलो बीज मंगवाया और किसानो को दिया जिसके बाद आज बड़े पैमाने पर किसान इस धान की खेती से जुड़ गए है l भदोही जिले के कृषि विभाग में तैनात उप कृषि निदेशक ने बताया की शोध में पाया गया है की इस चावल में जो काले रंग का होता है इसमें कई गुण है  इसमें एंटीआक्सीडेंट ,एंटी कैंसर और एंटी डायबिटिक है l उन्होंने बताया की किसानो की आय कई गुना बढ़ाने में यह धान कारगर है मौजूदा समय में अब भदोही के कई किसान इसकी खेती से जुड़ चुके है l बाइट - ए के सिंह   - उप कृषि निदेशक भदोही 
वीओ 2 - इतने ढेर सारे लाभकारी गुणों से भरपूर इस चावल के दाम बाजार में अभी साढ़े चार सौ रुपया किलो के करीब है जो इस समय बहुत ही कम जगहों पर उपलब्ध है क्योकि इससे जुडी खेती कम ही किसान  कर रहे है हलाकि अब भदोही में कई किसानो ने इसका प्रयाप्त बीज तैयार कर लिया है जो आने वाले समय में अब बड़े पैमाने पर खेती करेंगे l किसानो का कहना है की एंटी शुगर ब्लैक राइस की खेती में लागत न के बराबर है इसमें किसी भी तरह की रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं होता और आम धान से इसकी पैदावार भी बहुत अच्छी है ऐसे में अब आने वाले समय में भदोही के किसान बड़े पैमाने पर इस चावल की पैदावार करने के प्लान में है l