पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बढ़ रहा है पॉल्यूशन


 बुलंदशहर। यूपी के बुलन्दशहर में दीपावली के बाद पटाखों छोडे जाने व पराली जलाये जाने से प्रदूषण का स्तर लगातार बढता जा रहा है, आज सुबह भी प्रदूषण 410 एक्यूआई रिकार्ड किया गया, बढते प्रदूषण से खांसी, सांस, दमा व नेत्र रोगियों की अस्पतालों में लम्बी लम्बी कतारे लगनी शुरू हो गयी है। कई रोगियों को आक्सीजन देकर जिंदा रखने की स्वास्थ्य विभाग कवायद में लगा है। चिकित्सक जहां बढते प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क लगाने और संभव हो तो घरों से न निकलने की सलाह दे रहे हैं वहीं जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को प्रदूषण पीडितों को बेहतर इलाज करने के सीएमओं को सख्त निर्देश दिये है।                     राजकीय चिकित्सालय के आक्सीजन के दम पर जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही  इन महिलाओं पर बढते वायु प्रदूषण की मार पडी है, प्रदूषित वातावरण इन लोगों के लिए जानलेवा बनता जा रहा है। यही नही जिला अस्पताल में चिकित्सकों के कक्षों के बहार लगी ये लम्बी लम्बी लाइनें भी सांस, दमा ,खांसी जैसे रोगों से पीडितों की है, जो बुलन्दशहर में वायु प्रदूषण का शिकार हुए है। बढते प्रदूषण ने बच्चों व उम्र दराज लोगों की बीमारी को कम करने के बजाय बढा दी है। जिला अस्पताल के चिकित्सक स्वीकार कर रहे है कि प्रदूषण के कारण खांसी, सांस, दमा के रोगियों की संख्या बढती जा रही है, लेकिन इससे बचने के लिए चिकित्सक मास्क का प्रयोग करने और संभव हो तो घर से न निकलने की सलाह दे रहे है।


डीएम भी स्वीकार कर रहे है कि दीपावली के बाद प्रदूषण बढा है जिसके कारण लोगों के स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पडा है सीएमओं को प्रदूषण पीडितों का गंभीरता से इलाज कराने और जिन क्षेत्रो के मरीजों की अधिक संख्या हो वहां गांवों में कैम्प लगा लोगो का इलाज करने के सख्त निर्देश दिये गये है।