हाथरस। हवा में घुलते प्रदूषण के जहर के चलते फसलों की पराली जलाने पर रोक है। लेकिन कई जगह किसान अपनी फसलों की पराली को जला रहे है। किसानों को पराली जलाने पर लगे प्रतिबंध और इससे उन्हें अपनी उपजाऊ जमीन की उर्वरा शक्ति को पंहुचने वाले नुकसान की भी जानकारी है। बाबजूद इसके वह आगे की फसल की तैयारी और खेत की सफाई के लिए पराली जलाते है। प्रगतिशील किसान का कहना है कि पराली जलाने से जमीन के अंदर उपज में सहायक जीवांश नष्ट हो जाते है, नई फसल की जल्दी को लेकर इसे जला दिया जाता है। सरकार को उन्हें ऐसी वैज्ञानिक तकनीकी प्रदान की जानी चाहिए, जिससे वे इसे जल्दी सड़ाकर खाद बना सकें। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार का कहना है कि पराली जलाने की चैकिंग के लिए चारों तहसीलों में टीमें बनाई है। ऐसा करने पर एक एकड़ पर 1500 रूपये जुर्माने का प्राविधान है।
रोक के बावजूद किसान जला रहे हैं पराली