शंभूनाथ कहिन


पूर्व विधायक देवेंद्र पांडेय के पिता एसएस पांडेय सुल्तानपुर के एक इंटर कॉलेज में लेक्चरर थे। ठाकुरों का कॉलेज था। एक दिन कोई दूसरा ठाकुर लेक्चरर मिल गया, तो उन्होंने पांडेय जी को निकाल दिया। पांडेय जी पास में रिश्तेदारी जीमने गए, तो उस गाँव के ज़मींदार सैयद साहब ने उन्हें देखते ही कहा, कि “पांड़े जी, सुना ठकुरन तुम्हें निकाल दीनहिन?” वे बोले- हाँ बाबा! तब सैयद साहब ने कहा, कि देखव पांड़े, घबरायो नहीं। साढ़े आठ बीघा मा इंटर कॉलेज खुलवाय देब, पर शर्त यह, कि प्रिंसिपली तुम्हीं करयो। खुल गया इंटर कॉलेज। कॉलेज था वरिष्ठ पत्रकार Syed Quasim के नाना का। बात है 1971 की।
पांड़े जी सैयद साहब के घर जाते तो परसा आता पंडित दुलारेलाल के यहाँ से। और जब सैयद साहब पांड़े जी के घर जाते, तो महबूब मियाँ के घर से भोजन आता। लेकिन रिश्ते मीठे थे। पर आज के पांड़े तथा अब्दुल रशीद बिरयानी एक ही थाली में खाते हैं, किंतु रिश्ते इतने कटु हैं, कि ज़रा सा भी मौक़ा पा जाएँ, तो एक-दूसरे का गला काट लें।