कहानी करोड़पति फकीर की..
नाम घासीराम वर्मा राजस्थान के झुंझुनू जिले के सीगड़ी गांव का एक ऐसा शख्स जो गरीबी में पढा, मित्रों के सहयोग से, मां का जमा किया हुआ घी, बाप के पाले हुए पशु बेचकर फीस जमा कराते हुए ।
अमेरिका में प्रोफेसर हुए, सारी तनख्वाह गरीब और जरूतमंदों के लिए भारत में लगा दी ।
करोड़पति हुए परंतु रहे फकीर के फकीर ।
तभी 'करोड़पति फकीर' कहलाते हैं.....
प्रशंसा और प्रचार से कतई मोह नहीं, राज्यसभा में जाने का प्रस्ताव तक मिला, ठुकरा दिया...
पद्मश्री के लिए आवेदन मांगा गया, आवेदन तक नहीं किया...
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आज नब्बे वर्ष से ऊपर हैं, परंतु अब भी अमेरिका में अतिथि प्रोफेसर की हैसियत से काम करते हैं, कमाते हैं और भारत आकर सारा खर्च कर जाते हैं...
इस हद तक कि वापसी की टिकट के लिए पैसा तक नहीं बचता....
मित्रों से किराया उधार मांगकर फिर जाते हैं और पुन: आकर फिर लगा जाते हैं, खासकर बालिका शिक्षा के लिए....
अब तक नौ करोड़ रुपये से अधिक का वेतन समाज को समर्पित कर चुके हैं....
ऐसी महान शख्शियत को शत-शत नमन!
Devendra Surjan (सौजन्य रानी ब्रजेश)