बताते चलें कि बुंदेलखंड के किसान भोगी पाल और महेश कुमार बुनकर खाद की लाइन में लगे थे। कई दिनों तक लाइन में लगे रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिली। लाइन में लगे-लगे उनकी हालत खराब हो गई और उनकी मृत्यु हो गई।
किसान सोनी अहिरवार और बब्लू पाल खाद न मिलने के चलते परेशान थे। उन्होंने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी।
सभी किसानों पर भारी-भरकम कर्ज है और फसल बर्बादी व मुआवजा न मिलने जैसी समस्याओं से वे परेशान थे।