कैसे थमे मानव अंगों की तस्करी


इंसान को नई जिंदगी देने वाले कानून को मानव तस्करों ने गोरखधंधे में तब्दील कर दिया है। तस्करों ने इस वक्त पूरे देश में शरीर के अंगों के बेचने और खरीदने का बड़ा जाल बिछा रखा है। मोटी रकम देकर इनसे शरीर का कोई भी अंग खरीदा जा सकता हैं। कई नामी अस्पतालों में गुप्त दलाल मानव दलालों से संपर्क साधने के लिए खरीदारों की सहायता करते हैं। दलालों से परिचय चिकित्सक खुद करा देते हैं। कुल मिलाकर इस गोरखधंधे का बड़ा नेटवर्क थापित हो चुका है। मानव अंगों की तस्करी से कमाया मोटा माल सभी में बंटता है। इसमें पुलिस-प्रशासन से लेकर चिकित्सक व दलाल शामिल होते हैं। इनका तंत्र बड़ा मजबूत होता है, जिस कारण एकाध केस ही सामने आ पाते हैं। किडनी बिक्री वाहन चालकहकर सकती वाला कानपुर में जो मामला सामने आया है उनके आरोपियों ने कई S:" STपाप ना ना कर सकता अगर पलिस आरोपितों के सभी खुलासों को बता दें, तो कई सफेदपोश और सरकारी तंत्र एक्सपोज हो जाएगा। मानव शरीर को जीवित रखने वाला सबसे अहम अंग किडनी की ताजा डरावनी तस्वीर ने चारों ओर हड़कंप मचा दिया है। इस गोरखधंधे में कुछ अस्पतालों के नाम सामने आने से चिकित्सीय तंत्र में खलबली सी मच गई है। उत्तर प्रदेश के कानपुर से लेकर दिल्ली, कोलकाता सहित देश बड़े महानगरों के अलावा छोटे शहरों और कस्बों तक मानव अंग की तस्करी की ताजा खबर रोंगटे खड़ी कर रही है।