अखिल सावंत की कलम से


सुरेष बाबू 'श्रीवास्तव'  को मंत्रिमंडल में ना देखकर गुस्सा आवा ?        
वैसे तो हम पंचन की औकात  पहले ठप्पा लगावे की रहे, अब बटन दबावे की हो गई है। लेकिन मौका मिला है, ऐतराज जता देई रहे हैं जोकि बड़के भाजपाईयों और महाराज जी से है, उनसे कतइ नहीं जो अभी अभी भाजपा में रोजी रोटी कमावे खातिर आवें हैं।
  लखनऊ पष्चिम के विधायक सुरेष श्रीवास्तव मध्य और पष्चिम मिलाकर चार बार विधायक रहें है,वह इतने पुरान विधायक हैं, कि पहली बार उनका टिकट अटलजी ने फाइनल किया था।पहले कहा जाता था चैक वाले बड़के नेता जी उनकी मंत्रीमंडल से कुर्सी हटवा देते थे ,लेकिन अब क्या हो रहा है।यह तो  राम ही जाने? ये बात बिरादरी का होने के नाते नही कह रहे हैं काहेकि ई बिरादरी वाले  नेतागीरी में कम रहत हैं।