तीर न तुक्का - अखिल सावंत


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला
लेकिन कन्हैया के प्ले ग्राउन्ड पर कब्जा
भक्तिभाव,रस्म अदायगी या फिर प्रभु के  चमत्कार की लालसा लखनपुरी में दोगुने जोष से कृश्ण जन्मोत्सव घरों,मंदिरोंएवं ठाकुरद्वारा में मनाया । लेकिन एक बार फिर से लखनपुरी के बच्चे,भक्त और श्रदालुओं को उन मनमोहक सजीव आकर्शक झांकियों के दर्षनलाभ से वंचित रहना पढ़ेगा ।जिसका लाभ एक द,षक पहले तक हमारे बड़े उठाते थे। लक्ष्मणपुरी में मुरली वाले  के जन्म से छटी तक बाल एवं रास लीलाओं  को कार्डबोर्ड, लकड़ी के बुरादे, पत्थर एवं मिट्टी के खिलौने के मध्यम से दर्षया  जाता था। लेकिन यह तो बीते दिनो की बात हो गई। यहियागंज,रकाबगंज गणेषगंज, नरहइ, चैक ,चैपटिया आदि मोहल्ले में जिन नुक्कड़,बैठकों एवं चबूतरों में कृश्ण लीलाओं के दर्षन  करते थे अब वहां प्रांेविजन स्टोर या और कोई दुकान खुल गई है या फिर काम्प्लेक्स की बयार तो लक्ष्मणपुरी में ऐसी चली है,हाट स्पाट का  र्कोइ मंदिर ठाकुरदारा कम्प्लेक्स बनने से बचा नही। अलबत्ता इसके चलते मुरली वाले कौने में या पीछे हो गए हैं। अब आप ही बताओ हमारे आपके घरों में जन्में किसन कन्हैया किस ग्राउन्ड में बाल लीला करेगें एल डी ए वाले  तो आॅंख मूंदे हैं।