अपनी बात - अखिल सावंत


तीर नहीं तो तुक्का
जोश  इज हाई लेकिन दिल कहे त्राहिमाॅम------------ त्राहिमाॅम------------- 


यह अजीब विरोधाभाश है जहाॅं देष में प्रधानमंत्री मोदी का तिलिस्म एवं राश्ट्रवाद  की प्रखर भावना जोकि धारा 370 में संसोधन के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है वही मोदी सरकार राम से पहले रामराज लाने की अतृप्त आकांक्षां ने सरकार के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी आर्थिक मोर्चे पर पैदा कर दी है।


सरकार की यह बेतुकि तुकबंदी जनता के समझ से परे हैं, सरकार एक ओर जहाॅं बेफिजूल  कानून समाप्त करके जनता को राहत प्रदान कर रही है। दूसरी ओर कानूनों को मोहरा बनाकर जीना मुहाल करें हुई है।इसी के चलते छोटे व्यवसायियों का धधा ठप्प हो गया है।असर उपर से नीचे तक जारहा है।


मोटर व्हैकिल एक्ट में आया संसोधन अंसंतोश में घी डालने का कार्य कर रहा है।ं सवाल कानून की मंषा परखडे हो रहें हैंा हमारे बापदादा ने नियम कानून हमारी सुविधा के लिए बनाए थे नाकि हमको प्रताड़ने के हथियार  औजार के रूप में।  







 

 


 



 



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