डाक टिकटों का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान - डाक निदेशक केके यादव






सोशल मीडिया और वाट्सएप के इस दौर में बच्चों में रचनात्मक अभिरुचि विकसित करना जरुरी है। फिलेटली अर्थात डाक टिकटों के संग्रह के प्रति उनमें अभिरुचि विकसित कर उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाया जा सकता है। हर डाक टिकट एक अहम एवं समकालीन विषय को उठाकर वर्तमान परिवेश से इसे जोड़ता है, इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होता है। डाक विभाग  "ढाई आखर " के माध्यम से पत्र-लेखन की परम्परा को आधुनिक पीढ़ी से भी जोड़ रहा है। उक्त उद्गार लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने डाक विभाग द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय, पिपरसंड, लखनऊ में आयोजित फिलेटलिक सेमिनार व क्विज  एवं 'ढाई आखर' राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता  का शुभारम्भ  करते हुए व्यक्त किये।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने नवोदय विद्यालय में फिलेटली क्लब का  शुभारम्भ करते हुए कहा कि डाक टिकटों का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। इनके माध्यम से विद्यार्थियों  एवं युवाओं को तमाम रोचक जानकारी प्राप्त होती है जो कि उनके व्यक्तित्व एवं कैरियर निर्माण में सहायक है। डाक विभाग द्वारा फिलेटली के क्षेत्र में तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। अब लोग अपनी तस्वीर वाली डाक टिकट भी बनवा सकते हैं। डाकघरों में मात्र 200 रूपये में फिलेटलिक डिपाजिट एकाउंट खोलकर घर बैठे नई डाक टिकटें व अन्य सामग्री प्राप्त की जा सकती हैं।  

जवाहर नवोदय विद्यालय, पिपरसंड, लखनऊ के प्रधानाचार्य श्री जेसी गुप्ता ने शैक्षणिक दृष्टि से डाक टिकटों व पत्रों से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए बच्चों को इस ओर प्रोत्साहित किया।