लखनऊ। कारागार विभाग 1894 के प्रिजन एक्ट की धारा 42 व 43 में संशोधन करने जा रहा है। संशोधन के बाद जेल में मोबाइल फोन समेत सभी प्रतिबंधित वस्तुओं के पकड़े जाने पर 3 साल की सजा व 25000 का जुर्माना होगा और अगर मोबाइल का प्रयोग किसी अपराध में हुआ तो 3 साल की सजा व रु 50000 जुर्माना अतिरिक्त होगा।
वर्तमान में प्रतिबंधित वस्तुओं के लिए इस एक्ट में 6 महीने की सजा व रु 200 के जुर्माने का प्रावधान है