फिट इण्डिया की एक अनूठी पहल - कराटियन स्कूल


छात्र जीवन में शिक्षा के साथ खेल का समावेश रहे तो बच्चे शारीरिक रुप से काफी फिट रहते है।अगर अल्प आयु से ही बच्चो को खेलो का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिल जाय तो ऊँचाईयां छूना और भी आसान है।इसी सोच के चलते एक कराटे चैम्पियन ने  एसा स्कूल खोला है जिसमें नर्सरी कक्षा से ही बच्चो को फिटनेस प्रक्टिस दी जाती है।
     फिरोजाबाद के छोटे से कस्बे अरांव मे रहने बाले राजेश राजपूत राष्ट्रीय स्तर के कराटे चैम्पियन रहे है।बीते दो दसको से वे स्कूली बच्चो को अपनी कला का प्रशिक्षण दे रहे है।वह चाहते थे कि उन्हें अच्छी  फिटनेस के बच्चे मिले ताकि उन्हे  तैयार कर चम्पियन बना सके।लेकिन उनके पास युवा वर्ग के छात्र ही कराटे का प्रशिक्षण लेने आते थे।तब उन्होंने निर्णय लिया कि वे एक ऐसा स्कूल खोलेगे जिसमे नर्सरी कक्षा से ही बच्चो को फिट  रखने का प्रशिक्षण शुरू होगा।
वर्ष 2011में राजेश ने सीबीएससी बोर्ड द्वारा संचालित नर्सरी से हाईस्कूल तक शिक्षा देने बाला एक स्कूल खोला।  जिसमे बच्चो को पढ़ाई के साथ कराटे का प्रशिक्षण अनिवार्य है। शुरुआत मे तो लोग उनके स्कूल मे अपने बच्चों का एडमीशन कराने से कतराते थे।लेकिन राजेश राजपूत ने खेल के साथ बच्चो की पढ़ाई के प्रति अच्छे परिणाम दिये तो छात्रो की संख्या भी बढ़ने लगी। इन्होने अपने विद्यालय का नाम भी कराटियन स्कूल रखा । जो भी छात्र स्कूल मे दाखिला लेगा उसके दिन की शुरुआत दो घण्टे फिजिकल एक्सरसाइज ,कराटे प्रक्टिस और नृत्य के साथ होती है। स्कूल आने वाले बच्चो को कराटे की स्पेशल ड्रैस मे ही आना होता है।इस स्कूल के कई बच्चे कराटे के राष्ट्रीय स्तरीय *स्वर्ण पदक जीत चुके है।वैसे इस स्कूल के बच्चे कराटे के राज्य स्तरीय सैकड़ो पदक हासिल* कर चुके है।