लखनऊ बार चुनाव - विद्वान अधिवक्ता पशोपेश में !


लखनऊ।बार चुनाव को लेकर उम्मीदवार जी जान से जुटे हैं।वह इसे अपनी पद प्रतिष्ठा एवं राजनैतिक कैरियर के नजरीय से देख रहें हैं वहीं विद्वान अधिवक्ता इसी दिमागी महाभारत मे फंसा हुआ है कि वह किसके पक्ष में खड़ा हो। कचहरी में सभी से वर्षो का साथ है।
सूबे की राजधानी में स्थिति वकीलों की  अपनी पंचायत के होने वाले चुनाव को लेकर वकीलों के बीच बहुत उत्साह नहीं दिख रहा है। एहसास होता है आम अधिवक्ताओं को पद्याधिकारियों से उनकी समस्या के निदान की उम्मीद नहीं हैं।इसलिए चुनाव को लेकर उनका मन दिखता है ।
कोइ नृप होउ  हमहिंे का हानी।ं
 चेरि छोड्रि अब होब कि रानी
 तमाम अधिवक्ताओं का चुनाव े के प्रति  रवैया देखकर उम्मीदवार एवं उनके उत्साही समर्थक उदासीन मतदाताओं को कविवर दुषयंत कुमार को इन पंक्तियोंके सहारे ललकार रहें हैं।
आज जो तटस्थ रहेगा।
 समय लिखेगा उसका भी इतिहास।