मिठाई मलाई पान इतिहास के आईने से


यूंतो हमारे शहर में स्वाद सुगंध मिठास  बिखरती  हजारो मिठाई की ंदुकाने है।इनमें सबसे प्रमुख  है।डेढ सौ वर्ष पुरानी बानवाली गली चैक में स्थिति रामआसरे मिष्ठान भंडार  जिसकी अब एक षाखा हजरत गंज में भी है । वैश्य परिवार में जन्में स्व0 रामआसरे ने इस प्रतिष्ठान की बुनियाद रखी थी। रामआसरे जी को इस प्रतिष्ठान से इतनी प्रसिद्व मिली उनकी दुकान का नामकरण उनके नाम पर ही हो गया है।
रामआसरे परिवार से ताल्लुक रखने वाले डा0 अनिल गुप्ता के अनुसार रामआसरे प्रतिष्ठान की परम्परा रही है पवित्रता और शुद्वता रामआसरे जी के समय में मिठाई बनाने के लिये गोमती नदी से सीधे पानी लाया जाता था।बाद में प्रतिष्ठान के अन्दर बने कुआॅं के पानी का उपयोग किये जाने लगा। इसी पवित्रता और शुद्वता  के कारण शहर के सभी प्रमुख मंदिरों में भगवान का भोग राआसरेजी कि दुकान से जाता था।प्रसिद्व मिठाई मलाई पान या मलाई की गिलोरी का अविष्कार रामआसरेजी  ने किया था। जोकि उन्होने  सर्वप्रथम नवाब वाजिद अली शाह के लिए बनाई थी। आज भी यह रामआसरे की दुकान की पहचान है।