रँगनाथ मन्दिर में आयोजित हुआ भव्य अन्नकूट महोत्सब

दक्षिण भारतीय शैली के सबसे बड़े दिव्य देश रँगनाथ मन्दिर में शुक्रवार को अन्नकूट महोत्सब का आयोजन किया गया . मन्दिर परिसर स्थित जगमोहन में भगवान रँगनाथ के समक्ष विभिन्न प्रकार के सौ से ज्यादा व्यंजन अर्पित किए गए तो भक्त इस दिव्य दर्शन को देख भक्ति में सराबोर हो गए . इस महोत्सव में सवा मन चावल का गिर्राज पर्वत भी बनाया गया . जो कि साक्षात गोवर्धन पर्वत के दर्शन के समान लग रहा था वहीं भगवान गोदा रँगमन्नार भी कृष्ण रूप में थी । एक हाथ मे मुरली तो दूसरे हाथ की कन्नी उंगली पर गोवर्धन पर्वत धारण किया हुआ था । इंद्र का मान भंग और ब्रजवासियों की रक्षा करते हुए भगवान कृष्ण ने द्वापर में गोवर्धन पर्वत को कन्नी उंगली पर उठाया था . जिसके बाद ब्रजवासियों ने अपने अपने घरों से विभिन्न प्रकार के व्यंजन ला कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हुए उनको भोग लगाया । द्वापर की इस लीला को तभी से आज तक दीवाली के बाद मनाया जाता है . ब्रज के मंदिरों में अन्नकूट महोत्सब दीवाली के अगले दिन से कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है । रँगनाथ मन्दिर में आयोजित अन्नकूट महोत्सब के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया वहीं कुछ भक्त भगवान का प्रसाद पाने के लिए उसमें डूबते नजर आए । श्रद्धालुओ का भाव है कि द्वापर में जिस तरह ब्रजवासियों, ग्वाल  वालों ने गोवर्धन पूजा के बाद प्रसाद को लूट लूट कर खाया था उसी तरह वह भी लेते हैं ।