अनु की आवाज संसद में न सही समाज में गूंजेगी

युवती ने अकेले संसद के सामने प्रदर्शन किया।  वह रो पड़ी, नारे लगाते रही। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों से नाराज इस युवती ने राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को संसद के बाहर फुटपाथ पर धरना दिया। पुलिस ने उसे पीट दिया।
...युवती का नाम अनु दुबे है, वह पढ़ाई करती है। वह संसद के प्रवेश द्वार 2-3 के समीप फुटपाथ पर हाथ में एक तख्ती लिए बैठी थी, जिस पर लिखा था- मैं अपने भारत में सुरक्षित क्यों नहीं महसूस करती। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उसे जंतर मंतर जाकर प्रदर्शन करने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद उसे पुलिस अपनी गाड़ी में संसद मार्ग स्थित थाने ले गई। उन्होंने बताया कि कुछ अधिकारियों ने युवती की बात सुनी और उसके बाद उसे छोड़ दिया गया। अनु ने कहा कि वह सरकार के अधिकारियों से मिलना चाहती है। इस दौरान छात्रा की आंखे नम थी। 
...आरोप है कि पुलिस ने युवती को पीटा भी है। हैदराबाद में बलात्कार की भयावह घटना से परेशान जब एक छात्रा अपनी आवाज उठाना चाहती थी तो दिल्ली पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस थाने में छात्रा डरी हुई थी। अनु दुबे ने बताया कि थाने में ले जाकर उसके साथ मारपीट की गई। तीन लेडी कांस्टेबल उसके ऊपर चढ़ी गई थी, वो कुछ जानकारी मांग रहे थे तो मैंने कहा था बाहर जाकर बोलूंगी, इस बात पर उन्होंने मुझे बहुत मारा। कहा जाए यह उन लोगों की किस्मत है जो अपनी आवाज उठाते हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि छात्रा को नहीं पीटा गया।
...हैदराबाद में महिला डाक्टर की दुराचार के बाद हत्या से अनु हिल गई। उसका गुस्सा फूट पड़ा, आक्रोश आंसुओं में छलक उठा। अनु घर से अकेले संसद पर न्याय के लिए आवाज उठाने लगी। इस उम्र के युवक-युवतियां या तो डरे-सहमे हैं या मौज-मस्ती में डूबे हैं। अनु को देख हैरत होगी पर यह भी सच है कि ऐसे भी कई नौजवान हैं जो समाज के दर्द को पहचानते हैं। 


..अनु की आवाज संसद में न सही समाज में गूंजेग..