छह साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा, कोर्ट ने 35 दिन में सुनाया फैसला


कानपुर देहात। जनपद कानपुर देहात में इतने कम समय में पाक्सो के मुकदमे में सजा का यह पहला उदाहरण है। फास्ट ट्रैक कोर्ट पाक्सो ने छह साल की बच्ची से दुष्कर्म पर 35 दिन में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दस तारीख में सुनवाई पूरी कर ली। दोष साबित होने पर कोर्ट ने युवक को 20 साल सश्रम कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।


कानपुर देहात के एक गाँव निवासी महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि अगस्त महीने में एक दिन वह खेत पर धान लगाने गई थी। अपनी छह वर्षीय बेटी को घर पर छोड़ गई थी। तभी *अजीत कुमार पुत्र संतराम संखवार निवासी नटपुरवा थाना रूरा* ने घर पर उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। वापस लौटने पर उसे घटना की जानकारी हुई।
मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट पाक्सो रणजीत कुमार की कोर्ट में चल रही थी। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल और सहायक शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र मिश्र ने बताया कि कोर्ट में 22 अक्टूबर को अभियुक्त पर आरोप तय हुए।
24 अक्टूूबर को पहली तारीख के साथ गवाही शुरू हुई। इसके बाद कुल दस तारीख में सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने 29 नवंबर को फैसला सुना दिया। पीड़िता के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अजीत को दोषी करार सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
कोर्ट ने जुर्माने की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। जिला शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट में आरोप तय होने के बाद पहली सुनवाई की तरीख से आदेश की तारीख तक ट्रायल के दिन माने जाते हैं।


दुष्कर्म में जल्द सजा दिलाने में पुलिस की भी विशेष भूमिका रही। सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि परीक्षण के लिए साक्ष्यों को 16 अक्टूबर को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया था। इसकी रिपोर्ट 19 नवंबर को आ गई। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने सक्रियता दिखाते हुए सिर्फ चार दिनों में रिपोर्ट मंगाई और न्यायालय में दाखिल करा दी।