जाने छट पूजा के बारे में


डाला छठ मुख्यतः सूर्य उपासना का मुख्य त्यौहार है। डाला छठ  वैसे मूलत बिहार प्रदेश का मुख्य त्यौहार है लेकिन वाराणसी पूर्वांचल का एक प्रमुख तथा धार्मिक तीर्थ स्थल होने के नाते यहां पर किसी भी पर्व या त्योहार का एक विशेष महत्व होता है। डाला छठ में लोग नदी तालाब या कहीं भी पानी के अंदर खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ देते हैं।                                                                                                           हालांकि इस त्यौहार का शुरुआत डाला छठ से 3 दिन पहले ही शुरू हो जाता है। महिलाएं एक विशेष रूप से निर्जल व्रत रहना शुरु करती है तथा एक विशेष तौर का पकवान बनाकर खाती हैं जिसको खरना कहते हैं साथ ही साथ सूप में फल फूल पूजन सामग्री एवं दीप जलाकर घाटों पर या जल के किनारे या तालाबों के किनारे बैठ कर पूजन करती हैं। फिर जब सूर्य भगवान अस्ताचल की ओर अग्रसर होते हैं उस वक्त सूर्य भगवान की तरफ मुंह करके सूर्य भगवान को जल दिया जाता है।  यह त्यौहार पुत्र कामना अच्छे स्वास्थ्य की कामना  धन ऐश्वर्य इत्यादि की कामना के साथ 3 दिन के कठिन व्रत विधान के बाद आज के दिन सूर्य भगवान को अर्घ देकर इस डाला छठ की पूजा की जाती है।