सुप्रीम कोर्ट का फैसला है ऐतिहासिक


आखिर वही हुआ जिस का अनुमान दुनिया भर को था। कुछ मुट्ठी भर बीमार लोगों को छोड़ कर। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला तो ऐतिहासिक है ही। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। इस ऐतिहासिक फैसले से सेक्यूलरिज्म की घिनौनी दुकान का शटर अब गिर जाना चाहिए। अगर इस फैसले के लिए किसी एक को प्रणाम करना हो तो मुरली मनोहर जोशी को प्रणाम कीजिए। मुरली मनोहर जोशी द्वारा कराई गई पुरातात्विक खुदाई ही फैसले की रीढ़ बनी। अब मामले को उलझाने के लिए पुनर्विचार याचिका वगैरह काम करने वाली नहीं है। राम मंदिर इसी जगह बनाने का यह उपाय पहले भी दिया गया था। चंद्रशेखर सरकार ने ठीक यही फार्मूला दिया था कि सरयू उस पार मस्जिद बनाने की जगह दे दी जाए। और मंदिर यहीं बनाया जाए। 


लेकिन विदेशी चंदा खाने वाले मुस्लिम पक्ष के अड़ियल रवैये ने इस फार्मूले पर पानी फेर दिया। सेक्यूलरिज्म की एकतरफा और घिनौनी दुकानें चलती रहीं। गोधरा , गुजरात , मुंबई होता रहा। कश्मीर धधकता रहा। देश भर में आतंकवादी घटनाएं घटती रहीं। अब यह देश का सौभाग्य है कि कश्मीर और राम मंदिर दोनों ही मामले सुलझ गए हैं। अब यह आप का अपना विवेक है कि अपनी रवायत और बीमारी के तहत सुप्रीम कोर्ट और जस्टिस रंजन गोगोई को हिंदूवादी घोषित कर दें। या फिर देश को शांति और सदभाव की राह पर चलते रहने दीजिए और इस फ़ैसले को स्वीकार कर लीजिए। देश को हिंदू , मुसलमान के पचड़े से बाहर निकाल कर तरक्की की राह पर चलने दीजिए। न हम जीते , न तुम हारे का गीत गाते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा को बनाए रखते हुए मन में दीप जलाए रखिए। सब से अच्छी बात यह है कि सुप्रीमकोर्ट का यह फैसला सर्वसम्मति से आया है। इस फैसले का स्वागत कीजिए। इस फैसले को प्रणाम कीजिए। - सोजन्य फेसबुक