लखनऊ। डाक विभाग इस समय मरीजों से लेकर हॉस्पिटल्स तक के लिए देवदूत की भूमिका में है। लॉक डाउन के चलते देशभर में ट्रांसपोर्ट के अधिकतर साधन बंद हैं और कूरियर कंपनियों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में डाक विभाग आवश्यक सेवाओं की डोर टू डोर डिलीवरी में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि आपदा के इस दौर में दवायें और जीवन रक्षक उपकरण डाकघरों के माध्यम से बुक होकर देश भर में वितरित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में पहली बार कोविड-19 की टेस्टिंग किट भी लखनऊ में डाकघर के माध्यम से वितरित हुई।
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), लखनऊ की तरफ से इस संबंध में पत्र मिला था। इसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मलेरिया रिसर्च, द्वारका, नई दिल्ली से कोविड-19 की टेस्टिंग किट यहाँ मंगाने का अनुरोध किया गया था। इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए डाक विभाग ने 18 घण्टे के भीतर इसे दिल्ली से लाकर लखनऊ में वितरित कर दिया।
लखनऊ मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक आलोक ओझा ने बताया कि, सम्बंधित किट 8 अप्रैल की सुबह 5: 30 बजे एसजीपीजीआई में सुरक्षित रूप में वितरित कर दी गई। इसे कोल्ड चेन सिस्टम के अंतर्गत दिल्ली से लखनऊ तक लाया गया है।
डाक निदेशक श्री यादव ने कहा कि,इस समय दवाओं और मेडिकल उपकरणों की बुकिंग और वितरण डाक विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। इंडियन ड्रग्स मैनुफैक्चर एसोसिएशन से लेकर नेटमेड्स जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां लखनऊ से दवाएँ पूरे देश में भेज रही हैं और डाक विभाग इन्हें दूरदराज तक लोगों के दरवाजे तक पहुंचा रहा है।