आर्ट ऑफ़ लिविंग ने पत्रकारों को ऑन लाइन सिखाया योग व प्राणायाम


आज पूरी दुनिया जब एक कोविड-19 जैसी आपदा का सामना कर रही है जिसकी वजह से विश्व के करोड़ों लोगों का जीवन अब पहले जैसा नहीं रह गया है, कोरोना ने आम जिंदगी को प्रभावित किया है।  अनिश्चितता और आकांक्षाओं से भरे इस दौर में यह जरूरी हो गया है कि हम अपने मन को कैसे शांत व शरीर को कैसे स्वस्थ रखें।  ऐसी परिस्थिति में आज 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की उपयोगिता और बढ़ गई है।
वास्तव में कुछ वर्षों पहले अंतरराष्ट्रीय पहचान बनी  यह भारतीय प्राचीन योग  प्रणाली किसी भी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का कारगर उपाय है।
वर्तमान परिस्थिति में जहां एक और जीवन के लिए तनाव पूर्ण समय है वहीं दूसरी ओर आधुनिक जीवन शैली की व्याधियों ने हमको अपने मकड़जाल में फंसा रखा है।  यही नहीं हमारी युवा पीढ़ी वर्तमान में दबाव और तनाव से परेशान होकर अपने बहुमूल्य जीवन का ही अंत कर ले रही है। ऐसे में योग और ध्यान तनाव की तीव्र असर को कम करके अवसाद और चिंता कम करने में सहायक हो सकता है।


अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर गत वर्ष सार्वजनिक आयोजनों की सुनामी आई थी। किंतु कोविड -19 के कारण इस बार माहौल बदला-बदला रहा। इस बार योग और प्राणायाम लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने अपने घरों में ही किया। यही नहीं सीखने सिखाने के आयोजन इस बार ऑनलाइन किए गए ।
इसी परिपेक्ष में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा चार दिवसीय योग व प्राणायाम का कार्यक्रम मीडिया में कार्यरत लोगों के लिए किया गया जिसका समापन आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को हुआ इस कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक संचित चौबे ने योग की विभिन्न क्रियाओं से प्रतिभागियों को अवगत कराया।