क्या 36 रॉफेल विमान देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं ?






*आज 5 रॉफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच गए , सभी को हार्दिक बधाई ।* केंद्र में नई सरकार ने मई 2019 मे शपथ ली थी , नकली राष्ट्रवाद के चलते देशभक्तों ने असली राष्ट्रवाद को दफन करते हुऐ, पुलवामा में बहे खून के नाम पर अपनी उंगली में नीले रंग की चुनावी स्याही लगाकर अपने लोकतंत्र के अधिकार को भी निभाया था ;  क्षमा करें , हमने लोकतंत्र का नही तानाशाही का प्रारम्भ किया था ।

2. बहरहाल ,जो भी हो , देश के सामने मुद्दे तो वही हैं - बेरोजगारी , कानून व्यवस्था , महिला सुरक्षा , जर्जर सरकारी चिकित्सा व्यवस्था , किसान आत्महत्या , बलात्कार ,जाति व धर्म के नाम पर दंगे ,लचर अर्थव्यवस्था, आतंकवाद , गिरती हुई GDP , महंगाई ,  विदेशों में देश की गिरती हुए छवि और सबसे प्रमुख *भारतवर्ष की सुरक्षा* ।

3. देश की सुरक्षा पर राफेल के मुद्दे पर आज कुछ जानकारी देना चाहता हूँ और उस भाषा में समझाने की कोशिश होगी कि ये बात आप तक पहुंचे । राफेल से दो मुद्दे जुड़े हैं एक तो उसकी कीमत का है , इस मुद्दे पर जो घोटाला हुआ है वह आज नही तो कल देश के सामने अवश्य आएगा , ऐसी उम्मीद करता हूँ । *राफेल से जो दूसरा महत्वपूर्ण पहलू जुड़ा हुआ है वह देश की सुरक्षा से सम्बंध रखता है , इसे आपके सामने रखना चाहता हूँ ।*

4. मान लीजिए , मुझे आपके घर की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है और मैं एक सैनिक होने के नाते इस सुरक्षा के लिए सरकार से 7 मशीनगन मांगता हूं । *मशीनगन खरीदने की जिम्मेदारी सरकार की होती है ना कि सेना की।* सरकार ये मशीनगन 100 रुपये प्रति मशीनगन के हिसाब से खरीदे या 10,000 रुपये प्रति मशीनगन के हिसाब से , ये सरकार का काम है , मुझे इससे कोई सरोकार नही है , मेरा काम है आपके घर को हर परिस्थिति में सुरक्षा प्रदान करना और मुझे इसके लिए 7 मशीनगन चाहिए । सरकार मुझे 7 मशीनगन ना देकर सिर्फ 3 मशीनगन देती है तो आप खुद बताइये कि क्या मैं आपके घर को पूर्ण सुरक्षा दे सकता हूँ ? नही क्योंकि जो मुझे चाहिए वह सरकार ने नही दिया । अब मैं आपको इस उदाहरण से राफेल की ओर ले चलता हूँ ।

5. आज से करीब एक दशक पहले भारतीय वायुसेना ने सरकार से 4th जनरेशन के लड़ाकू विमानों की मांग की थी और उन्होंने चाइना और पाकिस्तान से देश को सुरक्षित रखने के लिए 126 विमानों की मांग की थी ( एक स्क्वाड्रन में 18 विमान के हिसाब से 7 स्क्वाड्रन ) । *मतलब चाइना और पाकिस्तान दोनों से लड़ाई होने पर भारत को 126 विमानों की ज़रूरत  पड़ेगी।* जैसा मैंने उदाहरण में आपको बताया कि इसे खरीदने की जिम्मेदारी सरकार की है ना कि वायुसेना की । आज सरकार सेना को 126 की जगह मात्र 36 विमान दे रही है , क्या सेना देश को पूर्ण सुरक्षा प्रदान कर सकेगी ? नही ।

6. अब सवाल ये उठता है कि सेना क्यों सिर्फ 36 विमानों से सहमत है ? ये प्रश्न मुझे भी उतना ही बैचेन करता है जितना शायद आपको । पहला कारण हो सकता है कि , जिस प्रकार से सेना का राजनीतिकरण पिछले 5 सालों में हुआ है , हो सकता है कि उच्च सैन्य अधिकारियों को इस विषय पर कुछ बोलने से सरकार ने मना कर दिया हो । दूसरा कारण हो सकता है कि सरकार जानती है, अगर आर पार का युद्ध होता है तो वह एक परमाणु युद्व में तब्दील हो सकता है उस अवस्था में आपके पास कितने जहाज हैं, उससे कोई फर्क नही पड़ेगा । *फर्क पड़ेगा कि आपके पास " कितनी सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी " है ।* कारण जो भी हो ,देश की सुरक्षा कमज़ोर अवश्य है क्योंकि 126 और 36 में बहुत फर्क होता है ।

7.  युवा साथियों , आपका फ़र्ज़ है कि आप इन बातों को समझें , अगर कुछ गलत है तो आपका ये भी कर्तव्य बनता हैं कि आप प्रश्न पूछें और प्रश्न आप किससे पूछेंगे- सरकार से ना कि विपक्ष से । आप सबको एक बात और बताना चाहूंगा कि *सेना के उपकरण की खरीदी "Ministry of Defence"   करती है और MoD में सिर्फ सिविल अधिकारी ( IAS , IFS ,IRS तथा अन्य ) और कर्मचारी होते हैं ना कि सैन्य अधिकारी या कर्मचारी ।अगर आर्थिक घोटाला होता है तो MoD में होता है इस बात को भी आप भलीभांति समझ लीजिए ।*

8. एक बात पर आप और ध्यान दें कि प्रधानमंत्री ने एक पूर्व IFS अधिकारी ( श्री जयशंकर ) जो पूर्व विदेश सचिव भी रहे हैं उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया है पर एक पूर्व सेना प्रमुख ( जनरल वी के सिंह ) को रक्षामंत्री नही ।अब कारण जो भी हो पर एक बात तो तय है कि *जो भी मंत्री या सिविल अधिकारी होते हैं उन्हें शायद अंदर से सैनिक अधिकारियों से एक अनजाना सा डर होता है कि ये फौजी कँही उनकी " बनी हुई व्यवस्था " पर आघात न कर दे ।*

9. *सेना के पुराने उपकरणों  पर पूर्व सैनिक , मेजर जनरल  बी सी खंडूरी ( पूर्व भाजपा केंद्रीय कैबिनेट मंत्री तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ) ने लोक सभा में अप्रैल 2018 में एक रिपोर्ट रखी थी जिसमे उन्होंने सरकार को बताया था आज सेना के 68 % हथियार पुराने हैं, 24 % समकालीन हैं और मात्र 8% हथियार आधुनिक है ।इस सच्चाई के चलते मोदी-1 सरकार ने सितंबर 2018 में बी सी खंडूरी जो " Defence Standing Committee " के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था ।* ये है सच्चाई दोस्तोँ ।

10. समझिये फिर निर्णय लीजिये   कि *क्या 36 रॉफेल विमान देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं ? अगर 36 रॉफेल से देश की सुरक्षा संभव होती तो रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह को पिछले महीने रूस नही भागना पड़ता और तुरन्त 33 लड़ाकू विमानों (सुखोई एवं मिग 35)  को खरीदने की ज़रूरत नही पड़ती ।* आज तो सिर्फ 5 विमान ही आये हैं , 36 विमानों की पूरी खेप आने में अभी भी एक से डेढ़ साल का वक्त लगेगा, हो सकता है वर्तमान चीनी तथा पाकिस्तान द्वारा पैदा किये गये संकट के चलते इस समय में कटौती करने हेतु कदम उठाएं जायें और उठाने भी चाहिए।

ब्रिगेडियर प्रदीप यदु , सेवानिवृत्त