बिजली विभाग का ईज ऑफ़ डूइंग !
सतेन्द्र पी एस
उत्तर प्रदेश सरकार किस तरह से डकैती पर उतारू है, उसका एक उदाहरण बताता हूँ। राज्य के एक जिले में एक कारोबारी ने शोरूम खोलने की योजना बनाई। शोरूम के लिए बिजली का कनेक्शन लेना था। कनेक्शन के लिए बिजली विभाग में ऑनलाइन आवेदन दे दिया गया। आवेदन के बाद लाइनमैन आया। उसने कनेक्शन के लिए 3,000 रुपये रिश्वत मांगी। रिश्वत दे दी गई और निश्चिंतता हो गई कि कनेक्शन मिल जाएगा।

कनेक्शन के लिए आवेदन किये 20 दिन से ज्यादा हो चुके थे। इस बीच शोरूम के उद्घाटन की तिथि भी आ गई। उद्घाटन के 2 दिन पहले लाइनमैन से सम्पर्क हुआ कि भाई अभी मीटर नहीं लगा, परसों उद्घाटन होने वाला है, कार्ड बंट चुके हैं और अभी तक मीटर नहीं लग पाया? लाइनमैन ने कहा कि साहब लोग नहीं हैं अभी। आपका कनेक्शन खींच देता हूँ। उद्घाटन करा लें। मीटर लग जाएगा, कोई दिक्कत नहीं है। ऐसे सभी लोग करते हैं, अपना काम चलाइए। 

कनेक्शन खिंच गया। शोरूम का उद्घाटन हो गया। उसके 2 दिन के बाद बिजली विभाग ने छापा मार दिया और बताया कि आपने अवैध रूप से कँटिया मारी है। उसके बाद इलाके के जेई आए और कहा कि बिजली चोरी का 9 लाख रुपये का जुर्माना बना है। अगर आप 2लाख रुपये दे दें तो मामला सेटल करा दिया जाएगा। जेई साहब इससे कम पर मानने को तैयार ही नहीं हुए! दुकानदार परेशान कि शोरूम में जमा पूंजी लगा दी, अब ये क्या मुसीबत आ गई!

कारोबारी भगा भगा एक्सईएन साहब के पास पहुँचा। पूरा मामला बताया कि साहब कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। कागज दिखाया। 3000 रुपये लाइनमैन को रिश्वत भी दी थी कि कनेक्शन मिल जाए। लेकिन कनेक्शन नहीं मिल पाया। अभी 2 दिन ही दुकान खुली, तब तक आपने बिजली काट दी। मदद करें। एक्सईएन साहब भावुक हो गए। उन्होंने लाइनमैन से लेकर जेई तक को जमकर गरियाया और कहा कि पूरा सिस्टम ही करप्ट हो गया है।  उन्होंने कहा कि यह तो बहुत बुरा हो गया आपके साथ। देखता हूँ कि क्या हो सकता है। अगले दिनदूसरे जेई साहब  पहुंचे। उन्होंने कहा कि सवा दो लाख रुपये का खर्चा आएगा। इतने में मामला सेटल हो जाएगा। जल्दी करिये जो करना है, वरना आपके खिलाफ 135 में एफआईआर हो जाएगा। चोरी करने में आपका जेल जाना तय है और हाई कोर्ट के नीचे जमानत नहीं होगी। उसमें कितना खर्च आएगा यह सोच लीजिए।

कारोबारी को सन्देह हुआ कि एक्सईएन भी इसमें मिले हुए हैं। उसने जुगाड़ तिगाड़ लगाकर एक नेता से फोन कराया। उसके बाद जब कारोबारी की एक्सईएन से बात हुई तो वह बिफर पड़े।कहा कि आपका काम जब मैं करने को कह रहा था तो इधर उधर से फोन कराने का क्या मतलब है?

आखिरकार नाराज एक्सईएन साहब ने लाइनमैन को सस्पेंड कर दिया। कारोबारी के ऊपर बैक डेट में एफआईआर करा दी। साथ ही नोटिस के साथ बिजली चोरी का जुर्माना ठोंक दिया कि अगर फलां तिथि तक जुर्माना नहीं भरा गया तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इसमें जेई और एक्सईएन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वजातीय हैं। लाइनमैन मुसलमान है। कुल मिलाकर राष्ट्रभक्ति का पूरा पैकेज है कि एक मीयां सस्पेंड हो गया, जो बिजली चोरी कराता था। एक कारोबारी के ऊपर जुर्माना हो गया, जो बिजली चोर है। राष्ट्रभक्तो ने ईमानदारी से काम कर दिया।

यह Narendra Modi  सरकार का ईज ऑफ डूइंग यानी कारोबार सुगमता है, जिससे लोग स्वरोजगार पा सकें।कारोबारी को नहीं पता कि उसका क्या भविष्य होगा। रिश्तेदारों से पैसे मांगकर जुर्माना भरे, या सूद पर पैसे बांटने वालों से पैसे उठाए! यह पैसा चुकाने के लिए तो कोई बैंक भी कर्ज नहीं देगा। कारोबारी इस हालत में नहीं है कि वह शिकायत करे,  क्योंकि उसे धंधा करना है और भविष्य में भी उनका इन्ही से पाला पड़ना है!

अखबारों की खबर सिर्फ इतनी है कि बिजली चोरी करने वाले कारोबारी की बिजली कटी, चोरी करने वाला लाइनमैन "मोइनुद्दीन खान" सस्पेंड! 

क्या यूपी के अलावा भी कोई राज्य है जहां इस कदर ट्रैप में फंसाकर जनता को लूटा जाता हो? क्या इसके पहले भी किसी सरकार के काल मे इस तरह किसी को ट्रैप में फंसाकर लूटने की जानकारी आपको है? ध्यान रहे कि कारोबारी के ऊपर चोरी की मंशा रखने का आरोप भी नहीं लगा सकते क्योंकि कारोबार तो अभी शुरू ही नहीं हुआ था! हम सरकार की इस ईमानदारी के बारे में इस आस से फेसबुक पर साझा  कर रहे हैं कि कारोबारी को कहीं से राहत मिल सके।
इस कदर ईमानदारी.... ओफ्फोह... आप भी चाहें तो इस ईमानदारी को साझा कर सकते हैं।

( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं उनकी फेसबुक वॉल से )