फ्लाइंग किस की कल्पित अस्लीलता
ओम थानवी

लोकसभा में प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलना था। प्रस्ताव के पीछे थी मणिपुर में पसरी जातीय हिंसा। कई दिनों की चुप्पी के बाद प्रधानमंत्री जब संसद में आकर बोलने को तैयार हो ही गए तो उस पर प्राथमिकता से बोलना था। बताते की सरकार क्या कर रही है, क्या सोचती है, क्या करेगी। लेकिन उनके भाषण का लम्बा समय हँसी-ठट्ठे, क़िस्सागोई और हमलवारी में निकल गया। क्या वे विपक्ष के वाकआउट की प्रतीक्षा कर रहे थे?

कांग्रेस ने समूचे इतिहास में अब तक क्या किया, अगर यही बेहाल मणिपुर का आधिकारिक जवाब था तो लगता है सरकार हालात सम्भालने को तैयार नहीं। 

कल राहुल गांधी से भी बेहतर भाषण की आशा थी। उन्होंने ज़रूरी मुद्दे उठाए, पर प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। वे त्वरित बोलते हैं, यह अच्छा स्वभाव है। त्वरित का असर भी ज़्यादा होता है। पर तभी जब तारतम्य क़ायम रहे। 

लेकिन स्मृति ईरानी — और उनके वफ़ादार मीडिया — ने कैसा तमाशा खड़ा किया। कि राहुल गांधी ने उनकी ओर 'फलाइंग किस' उड़ाया। जबकि वे तो विपरीत दिशा में खड़ी थीं। कोई नहीं जानता कि राहुल गांधी स्पीकर की ओर मुख कर बोलने की मुद्रा बना रहे थे, खाने की या अपनत्व के हवाई इज़हार की। पर उसे केंद्रीय मंत्री ने कैसे कल्पित अश्लीलता की ओर मोड़ दिया। 

प्रसंगवश, कम बोलने के लिए प्रसिद्ध मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे उन्होंने सुषमा स्वराज के बोले शबाब जाफ़री के शे'र "तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूँ लुटा" के जवाब में अल्लामा इक़बाल का शे'र सुनाया था — "माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं, तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतज़ार देख"।

ग़नीमत है उस ग़ैर-अमृतकाल में किसी ने मनमोहन सिंह पर यह आरोप नहीं लगाया कि संसद की बहस में निहायत रूमानी शे’र पढ़कर उन्होंने महिला सांसदों को छेड़ा है।

देश की राजनीति का हाल ऐसा है कि लोग भी अब शायद राजनेताओं से विवेक और बौद्धिक तेवर की आशा नहीं रखते। वरना मंत्रियों में यह दुस्साहस न होता कि जब मणिपुर जल रहा है, यौनाचारी को वे छुड़ा लाए, देश की पहलवान यौन शोषण पर रो-रो कर लौट गईं, स्त्रियों को नग्न करने पर उनके नेता समवेत में चुप रहे — मगर सत्तापक्ष की स्त्री सांसदों की ओर कथित रूप से किसी कथित अभद्र मुद्रा के आरोप को उन्होंने अपने बचाव में आड़ की तरह तान दिया। 

हालाँकि इसमें सफलता नहीं मिली, भले अर्णब गोस्वामी और कुछ अन्य ऐंकरों ने चीख-चिल्लाहट में चुम्मा-चुम्मा का शोर किया। नियोजित हल्ला था। ढेर हो गया।